<p style="text-align: justify;"><strong>नई दिल्ली:</strong> राज्यसभा में एनआरसी विवाद को लेकर चर्चा के दौरान जोरदार हंगामा हुआ. एनआरसी पर उठाए गए सवालों और आरोपों का जवाब देने आए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के भाषण पर विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया. अमित शाह ने असम में अवैध घुसपैठियों के मुद्दे पर बोलते हुए पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को निशाने पर लिया.</p> <p style="text-align: justify;">अमित शाह ने कहा कि एनआरसी कांग्रेस का फैसला था लेकिन हिम्मत नहीं था इसलिए लागू नहीं कर पाए, हममें हिम्मत है इसलिए हमने करके दिखाया. अमित शाह के इस बयान के बाद विपक्षी सांसद दीर्घा में आए और जोरदार नारेबाजी करने लगे, जिसके बाद राज्यसभा को दस मिनट के लिए स्थगित करना पड़ा. दस मिनट बाद शुरू हुई कार्यवाही के दौरान भी हंगामा जारी रहा जिसके बाद सभापति वैंकेया नायडू ने कल सुबह 11 बजे तक के लिए राज्यसभा स्थगित कर दी.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>क्या कहा अमित शाह ने?</strong> एनसीआर विवाद पर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा, ''14 अगस्त 1985 को राजीव गांधी ने असम समझौते पर द्सतखत किए और 15 अगस्त 1985 को लाल किले से उन्होंने इसकी घोषणा की. इस असम समझौते की आत्मा ही एनआरसी थी. समझौते में कहा गया कि अवैध घुसपैठियों को पहचान कर हमारे सिटीजन रजिस्टर से अलग करके एक शुद्ध नेशनल सिटीजन रजिस्टर बनाया जाएगा. ये कदम आपके ही प्रधानमंत्री का उठाया हुआ है. इस पर अमल करने की हिम्मत आपमें नहीं थी लेकिम हममें हिम्मत है इसलए हम अमल करने के लिए निकले हैं." उन्होंने कहा कि एनआरसी सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर से बन रहा है. सभी लोग 40लाख-40 लाख चिल्ला रहे हैं लेकिन मैं पूछना चाहता हूं कि इसमें कितने बांग्लेदेशी घुसपैठिए हैं? किसे बचा रहे हैं आप?</p> <p style="text-align: justify;"><strong>चर्चा के दौरान कांग्रेस ने क्या कहा?</strong> राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, ''हम नहीं चाहते कि हमारे देश में कोई भी हिंदुस्तानी, भले ही वह किसी भी धर्म या जाति का हो उसे बाहर किया जाए. 40 लाख की संख्या बहुत बड़ी संख्या है. 40 लाख की संख्या तो सिर्फ वयस्कों की उनके परिवार को जोड़ दें तो ये संख्या करीब 1.5 करोड़ पहुंच जाएगी.''</p> <p style="text-align: justify;">उन्होंने कहा, ''वो हिंदुस्तानी नहीं है यह सरकार को भी साबित करना चाहिए. किसी व्यक्ति का हैरेसमेंट नहीं होना चाहिए सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए. 16 तरह के सबूत चाहिए अगर एक भी मिल जाए तो व्यक्ति को नागरिक मान लेना चाहिए. किसी राजनीतिक दल को इसको राजनीति और वोट के लिए इस्तेमाल नहीं करना चाहिए मौजूदा सरकार इसको राजनीति और वोट मुद्दा ना बनाएं बल्कि मानव अधिकार से जोड़ कर देखें.''</p> <p style="text-align: justify;"><strong>रामगोपाल यादव क्या बोले?</strong> सपा नेता रामगोपाल यादव ने कहा, ''यह एक गंभीर मुद्दा है और अगर एक भी सबूत है तो किसी का नाम नहीं काटा जाना चाहिए. क्योंकि जो नाम काटे गए हैं उनमें यूपी, बंगाल, बिहार से लोग भी हैं. हिंदू भी हैं, मुसलमान भी हैं हमारे संविधान में मौलिक अधिकार यह भी है कि किसी भी नागरिक को कहीं भी रहने बसने और व्यापार करने का अधिकार है.''</p> <p style="text-align: justify;">उन्होंने कहा, ''जानकारी मिली है कि पहली सूची में असम के सांसद का नाम भी काट दिया गया था. सावधानी बरतने की जरूरत जल्दबाजी में किसी का नाम नहीं काटा जाना चाहिए वरना वह जाएगा कहां? अगर हमारे देश का के व्यक्ति का ही नाम काट दिया जाएगा तो वह रहेगा कहां हो जाएगा कहां?'' रामगोपाल यादव ने कहा कि ठीक तरीके से दिखाया जाना चाहिए और जिन लोगों के पास एक भी सबूत है उनका नाम जोड़ा जाना चाहिए.</p>
from home https://ift.tt/2uYobVZ
from home https://ift.tt/2uYobVZ
नागरिकता विवाद: अमित शाह बोले- NRC कांग्रेस का फैसला, हममें हिम्मत थी इसलिए लागू किया
Reviewed by Unknown
on
July 31, 2018
Rating:
No comments: